रविवार, 23 जून 2024

मानस चर्चा "विमल विवेक"

मानस चर्चा "विमल विवेक"
संत कहहिं असि नीति प्रभु श्रुति पुरान मुनि गाव ।
होइ न बिमल बिबेक उर गुर सन किएँ दुराव ॥ 
अर्थात्  हे प्रभो ! सन्त ऐसी नीति कहते हैं और वेद, पुराण और मुनि लोग भी यही गा  गा कर कहते हैं कि गुरुसे
छिपाव अर्थात् कपट  करनेसे हृदयमें निर्मल ज्ञान नहीं होता ॥ 
।। जय श्री राम जय हनुमान।।

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