रविवार, 16 मई 2021

सभी बंधनों से मुक्ति हेतु श्री राम स्तुति

      ।।श्री हनुमत्कृत श्री राम स्तुति।।
   
 हा नाथ !    हा नरोत्तम !    हा     दयालो  !

सीतापते  !        रुचिरकुण्डलशोभिवक्त्र  ।

भक्तार्तिदाहक  !       मनोहररूपधारिन_ !

मां  बंधनात_  सपदि मोचय मा   विलम्बम_।।

(पद्म पुराण पाताल खंड 53।14)
      ऐसा माना जाता है कि यह एक अनुभूत सिद्ध श्लोक है, इस श्लोक के नित्य पाठ से सब प्रकार के बंधन से शीघ्र मुक्ति प्राप्त होती है।
          ।।।        इति        ।।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें