उगुन पूगुन बि अज कृ म आ भ अ मू गुनु साथ।
हरो धरो गाड़ो दियो धन फिरि चढ़इ न हाथ।।
हमारे मनीषियों के उक्त मत के अनुसार उगुन अर्थात
तीनों उत्तरा उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा उत्तराभाद्रपद, पूगुन अर्थात तीनों पूर्वा पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, बिशाखा, रोहिणी, कृतिका ,मघा, आद्रा, भरणी, अश्लेषा और मूल इन चौदह नक्षत्रों में चोरी किया ,धरोहर रखा,गाड़ा हुआ औऱ उधार दिया हुआ धन फिर लौटकर हाथ नहीं आता।
।। इति शुभम_ ।।
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