बुधवार, 17 जनवरी 2024

।।उल्लाला छंद।।

।।उल्लाला छंद।।

उल्लाला छंद निम्नलिखित दो प्रकार से मिलता है:
1: अर्ध सम मात्रिक छंद के रुप में
इसके पहले और तीसरे (विषम) चरणों में 15-15 तथा दूसरे और चौथे (सम)चरणों में 13-13 मात्राएँ होती हैं।उदाहरण :-
1. हे शरणदायिनी देवि तू, करती सबका त्राण है। 
हे मातृभूमि ! संतान हम, तू जननी, तू प्राण है।।
2. करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस देश की।
हे मातृभूमि ! तू सत्य ही, सगुण-मूर्ति सर्वेश की।
2:सम मात्रिक छंद के रुप में
इसके सभी चरणों में 13-13 मात्राएँ होती हैं।जो विशेष प्रचलन में है।
उदाहरण:
ज्ञानी प्रवचन में कहे , सब माया जंजाल है |
पर कुटिया के नाम पर , बँगला बड़ा विशाल है ||
वह हमको समझा गए, दुनिया बड़ी ववाल है |
मिलने जब मैं घर गया, देखा उल्टा हाल है ||
विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि
उल्लाला छन्द को चन्द्रमणि छन्द भी कहते हैं।
        ।।धन्यवाद।।

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