रविवार, 14 अप्रैल 2024

।।उदाहरण अलंकार ।।

।।उदाहरण अलंकार ।।
व्याख्या :
जहाँ दो वाक्यों का साधारण धर्म भिन्न
हो पर उसमें वाचक शब्द के द्वारा
समता बताया जाए वहाँ उदाहरण 
अलंकार होता है। 
विशेष ध्यान रखने योग्य बात है कि
 उदाहरण अलंकार में 
उपमेय वाक्य देने के बाद: जैसे,जैसी,तैसे,तैसी,जिमि,तिमि,
यथा,जथा,जस, तस आदि वाचक
 शब्दों का प्रयोग होता है और ये
 उदाहरण अलंकार की पहचान भी हैं।

परिभाषा:

जहाँ किसी बात के समर्थन में उदाहरण
किसी वाचक शब्द के साथ दिया जाय,
वहाँ उदाहरण अलंकार होता है।
उदाहरण:-

1-वे रहीम नर धन्य है, 
पर उपकारी अंग।
बाँटन वारे को लगे, 
ज्यों मेंहदी को रंग ।

2-जपत एक हरि-नाम के, 
पातक कोटि बिलाहिं।
ज्यों चिनगारी एक तें, 
घास-ढेर जरि जाहिं।।

3-जो पावै अति उच्च पद, 
ताको पतन निदान।
ज्यों तपि-तपि मध्याह्न लौं, 
असत होत है भान।।

4-एक दोष गुन-पुंज में,
 तौ बिलीन ह्वै जात।
  जैसे चन्द-मयूख में,
 अंक कलंक बिलात।।

5-हरित-भूमि तृन-संकुल, 
समुझि परहि नहिं पंथ।
जिमि पाखंड-बिबाद तें,
लुप्त होहिं सद्ग्रन्थ।।

6-नयना देय बताय सब,
 हिय को हेत अहेत।
जैसे निर्मल आरसी, 
भली बुरी कही देत।।

7-निकी पै फिकी लगै,
 बिनु अवसर की बात।
जैसे बरनत युद्ध में,
 रस सिंगार न सुहात।।

8-बसै बुराई जासु तन,
ताही को सन्मान।
भलौ-भलौ को छाङियौ,
खोटे ग्रह जप दान।।

9-मन मलीन, तन सुंदर कैसे।
 विष रस भरा कनक-घट जैसे।।

10-उदित कुमुदिनी नाथ
     हुए प्राची में ऐसे
     सुधा-कलश
    रत्नाकर से उठता हो जैसे।

11-बूंद आघात सहै गिरी कैसे ।
  खल के वचन संत सह जैसे ।।

 12- छुद्र नदी भरि चलि उतराई।
       जस थोरेहुँ धन खल बौराई।

13- ससि सम्पन्न सोह महि कैसी ।
     उपकारी कै संपति जैसी ।।

14-कामिहि नारि पियारी जिमि
   लोभिहि प्रिय जिमि दाम।
   तिमि रघुनाथ निरन्तर 
   प्रिय लागहु मोहि राम।।

।।।। धन्यवाद। ।।।।   

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