।।देव पूजा केअद्भुत आठ पुष्प।।
सर्व भूत दया पुष्पं क्षमा पुष्पं विशेषतः।
ज्ञानं पुष्पं तपः पुष्पं शान्ति पुष्पं तथैव च
सत्यं अष्ट विधं पुष्पं विष्णो:प्रीतिकरं भवेत्।।
हिन्दी अनुवाद
प्रथम अहिंसा पुष्प, इन्द्रिय निग्रह प्रान है;
चराचर पर दया तीजो,चौथा क्षमा दान है।
पंचम ज्ञान तप छठ, सातवाँ शांति ध्यान है;
देव देव दया दान,जिनमे सत्य महान है।।
।।धन्यवाद।।
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