सोमवार, 28 जून 2021

✓।।यथासंख्य अलंकार।।

             यथासंख्य अलंकार
परिभाषा:-भिन्न धर्म वाले अनेक निर्दिष्ट अर्थों का अनुनिर्देश यथासंख्य अलंकार कहलाता है। यथासंख्य का अर्थ हैं संख्या(क्रम) के अनुसार। इसमें एक क्रम से कुछ पदार्थ पहले कहे जाते हैं, फिर उसी क्रम से दूसरे पदार्थों से अन्वय किया जाता है।यह वाक्य न्यायमूलक अलंकार है।
उदाहरण:-
1.नीचे जल था ऊपर हिम था,
एक तरल था एक सघन।।
2.मनि मानिक मुकुता छबि जैसी। 
  अहि गिरि गज सिर सोह न तैसी॥
3.जाके बल  बिरंचि  हरि ईसा।
    पालत सृजत हरत दससीसा।।
4.सचिव बैद्य गुरु तीनि जौ प्रिय बोलहि भय आस।
  राज  धर्म  तन  तीनि  कर  होइ  बेगही  नास।।
एक अद्भुत उदाहरण
5.बंदौ नाम राम रघुबर को।
   हेतु कृसानु भानु हिमकर को।।
यहाँ राम  के तीन वर्ण र,अ और म क्रमशः कृसानु, भानु,और हिमकर  के हेतु  अद्भुत ढंग से यथासंख्य अलंकार  के माध्यम बताये गये हैं।

                 ।। धन्यवाद  ।।

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