रविवार, 26 जुलाई 2020

।। शिव-स्तुति ।।shiv stuti hindi poem

जय महेश जय शिव शंकर।
              भोले-भण्डारी प्रलयंकर।।
महादेव देव परमेश्वर।
               आशुतोष गौरीश सर्वेश्वर।।1।।
भूतनाथ जो विश्वनाथ हैं।
              काशीश जो पशुपतिनाथ हैं।।
रामेश्वर जो ओंकारेश्वर हैं।
               महेन्द्रनाथ जो विश्वेश्वर हैं।।2।।
गले भुजंग नीलकंठ तेरे।
         भाल बाल चंद का बसेरे।
जटा-कटाह गंगा तरे।
          दीन हीन पर कृपा-रज बारे ।।3।।
नागेन्द्र हारी त्रिपुरारी।
           त्रिनेत्रधारी असुरारी।।
भस्माङ्ग धारी बाघाम्बरी।
          डमरू धारी चर्माम्बरी।।4।।
श्वेतार्क पूजित नंदीश्वर।
           राम स्थापित रामेश्वर।।
कैलाश वासी नागेश्वर।
           त्रिशूल धारी महेश्वर।।5।।
सहज सरूप  सदा सुहावै।
          दरस करत जन हर्षावै।।
पापी पाप मुक्त हो जावै।
          भक्त मनोवांछित फल पावै।।6।।
भोले अद्भुत संसारी।
        दो पुत्र गण द्वारी द्वारी।
अमरित माहुर संग धारी।
        नित नव सिख ले परिवारी।।7।।
नाग मूस मयूर नंदी।
        गंगा-पार्वती संगी।।
सिंहवाहिनी बामांगी।
         रामभक्त शिव भस्माङ्गी।।8।।
हे परमेश्वर मम शिव कर।
        हे घुश्मेश्वर जन दुःख हर।।
हे गौरीश्वर सदा शं कर।
       हे कालेश्वर  आनन्द भर।।9।।
मम मन-मधुप शिव रूप-पराग पय।
        गाता रहे हर हर महादेव नित नय।।
आशीष-रज डूब जाय मय।
          सदा गाते रहे शिव शंकर जय जय।।10।।

      



         


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