हे सिंहवाहिनी-खडगधारिणी तुम्हे नमामि!
नमामि नमामि शत-शत नमामि!!
हो मातु-पिता तुम, तुम ही हो जग स्वामिनी!
दुख निवारिणी देवो के तुम,तुम ही हो संतापहारिणी!!१!!
दुरगति दूर निवारिणी मां,तुम ही हो भव भय भीति निस्तारिणी!
महामया देवी भगवती तुम, तुम ही हो ज्ञान संचारिणी!!२!!
दीनार्त हूं भयत्रस्त हूं,हे सर्व अर्थ की साधिके!
हर अमंगल दे सुमंगल हे शिवे,हूं शरण में तेरी त्रयम्बके!!३!!
हे वज्रधारिणी चामुण्डॅ,नमामि तवश्री पद युगले!
हे जनरंजनी शुम्भ-निशुम्भ निकन्दनी,स्मरामि तव युग नयन कमले!!४!!
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