मंगलवार, 28 सितंबर 2021
।। आकाश के पर्यायवाची शब्द।।
शनिवार, 25 सितंबर 2021
✓पर्यायवाची शब्द सूर्य के
बुधवार, 22 सितंबर 2021
।।धन वृद्धि के वास्तु ट्रिप्स।।
।।धन वृद्धि के वास्तु ट्रिप्स।।
कहा जाता है कि वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर में कुछ जरूरी बदलाव करके जीवन को समृद्ध बनाया जा सकता है। वास्तु अनुसार हर चीज को रखने की एक दिशा निर्धारित होती है। अगर आप दिशा का ध्यान में रखते हुए कोई समान रखेंगे तो इससे घर में सकारात्मकता आने के साथ धन-धान्य की कमी भी दूर हो सकती है। यहां आप जानेंगे वास्तु की कुछ जरूरी और महत्वपूर्ण बातें जिन्हें अपनाकर आप अपना जीवन सुखमय बना सकते हैं।
ध्यान रखें कि जिस अलमारी या तिजोरी में आप पैसा रखते हैं उसे हमेशा पश्चिम दिशा की ओर रखें जिससे उसका दरवाजा पूर्व दिशा की तरफ खुले। मान्यता है ऐसा करने से घर-परिवार में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती। ध्यान रखें कि तिजोरी को कभी भी खाली नहीं रखना चाहिए। तिजोरी में एक शीशा इस तरह से लगाना चाहिए जिससे धन ता प्रतिबिंब उसमें दिखता रहे।
धन प्राप्ति के लिए घर के उत्तर पूर्व कोने में अक्वेरियम रखना चाहिए। इसमें काले और सुनहरे रंग की मछलियां जरूर डालें। ऐसा करने से धन की कभी कमी नहीं होगी
वास्तु अनुसार घर के कमरे में मोर का पंख रखने से आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। घर के मुख्य दरवाजे पर अंदर और बाहर की तरफ गणेश जी की दो प्रतिमाएं इस तरह से लगाएं जिसे उन मूर्तियों की पीठ एक दूसरे से जुड़ी रहे। मान्यता है ऐसा करने से धन में वृद्धि होती है।
घर के ईशान कोण में तुलसी का पौधा रखें और उसकी सुबह शाम पूजा करें। ऐसा करने से धन आवक में तेजी से वृद्धि होने लगती है।
घर की उत्तर दिशा में नीले रंग का पिरामिड रखें। मान्यता है ऐसा करने से धन की कभी कमी नहीं होती। संभव हो तो इस दिशा की दीवारों का रंग भी हल्का नीला करवाएं
उत्तर दिशा में हमेशा कांच का बड़ा सा बाउल या दर्पण रखना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
घर की उत्तर दिशा में पानी की टंकी रखें और उसमें शंख, चांदी का सिक्का या फिर चांदी का कछुआ रखें ऐसा करने से धन लाभ होने के प्रबल आसार रहते हैं।
।।धन्यवाद।।
शनिवार, 18 सितंबर 2021
✓।। श्रीशिवस्तुति- श्रीराम प्रिय अष्टमूर्ति शिव।।
वैराग्याम्बुजभास्करं ह्यघघनध्वान्तापहं तापहम्।
मोहाम्भोधरपूगपाटनविधौ स्वःसम्भवं शङ्करं
वन्दे ब्रह्मकुलं कलंकशमनं श्रीरामभूपप्रियम्।।
ये द्वे कालं विधत्तः श्रुतिविषयगुणा या स्थिता व्याप्य विश्वम् ।
यामाहुः सर्वबीजप्रकृतिरिति यया प्राणिनः प्राणवन्तः
प्रत्यक्षाभिः प्रपन्नस्तनुभिरवतु वस्ताभिरष्टाभिरीशः
शुक्रवार, 17 सितंबर 2021
√पर्यायवाची सुबह-शाम,दिन और रात्रि के
शनिवार, 11 सितंबर 2021
√पर्यायवाची सरस्वती के
शुक्रवार, 10 सितंबर 2021
√पर्यायवाची गणेश जी के
√पर्याय अग्नि का और बड़वानल कथा
शुक्रवार, 3 सितंबर 2021
√पर्याय पानी कमल सिंधु बादल पुष्प
सत्य तोयनिधि कंपति उदधि पयोधि नदीस॥ गोस्वामी तुलसीदास