तलाश आज-कल जीवन में जीवन का।
नहीं पाये कोई मंजिल अपने नव जीवन का।।
बिजली-जीवन जल-जीवन पीने का।
विकल्प में नित नव-नव विकल्प ढूढ़ने का।।1।।
सज गया है चारों तरफ इस धरा पर।
नव महाभारत स्वार्थ-शकुनि शह पर।।
शांति मिले कैसे अशांति क्षण पर।
विकल्प भागलो किसी भी आपदा पर।।2।।
भाग लो नहीं भागलो मंत्र बनालो अब।
आपदा-असुर असुरक्षित हो ही जायें सब।।
विकास-पथ पग चूमे झूम-झूम कब।
विकल्प परिश्रम का सतत बना रहे जब।।3।।
घर भीतर-बाहर दस दिश हैं ताम-झाम।
पग-पग पल-पल हैं उलझे हो बस काम।।
पलायन से बच श्रेष्ठ कर्म करो निज धाम।
विकल्प की तलाश पूरी करेगे ही तब राम।।4।।
मंगलवार, 13 अगस्त 2019
।। विकल्प ।।substitute hindi poem
सोमवार, 12 अगस्त 2019
।।जानें कौन सा सुबह शाम मनभावन कर दे।।
आज का श्रम कल को लाजबाब बना दे।
एक बीज संघर्ष कर हरा-भरा तन कर दे।।
जागत-सोवत लक्ष्य कर्म स्वप्न पूर्ण कर दे।
जाने कौन सा सुबह शाम मनभावन कर दे।।1।।
इस हेतु सूर्य सा दिन- रात चलना सिख ले।
चंद्र से सर्दी-गर्मी अहर्निश सहना सिख ले।।
तपन कैसी भी हो स्वयं को जरा तपा तो दे।
जाने कौन सा सुबह शाम मनभावन कर दे।।2।।
भूख-प्यास त्याग एकनिष्ठ यती बन जी ले।
पावो लक्ष्य सदा शिव श्रम-कालकूट पी ले।।
कर्म की कमी कतिपय कही कोई कर न दे।
जाने कौन सा सुबह शाम मनभावन कर दे।।3।।
बाज बन बुद्धि-चोंच तन-पंख नित शोध दे।
मैदाने जंग में अब बार-बार गिरना छोड़ दे।।
मछली की आँख देख तू सब देखना छोड़ दे।
न जाने कौन सा सुबह शाम मनभावन कर दे।।4।।
शुक्रवार, 9 अगस्त 2019
वीणावादिनी
जय जय जय जय मातु शारदे,
रूप छठा पर नव निधि वार दें।
अमल धवल कमल आसन तव,
मन मयूर नाचे कर नव नव रव।।1।।
नित नूतन क्षण-क्षण परिवर्तन।
पावें जन करें जो तेरा आराधन।।
मंद बुद्धि हम पर तेरे आराधक।
वेद धारिणी माँ है मेरा उद्धारक।।2।।
जगत मातु तू जग कल्याणी।
वर दे वर दे मातु वीणावादिनी।।
उन्नत भाल गले नव हार चक्षु विशाल।
माथे मणि मुकुट दे आभा करे निहाल।।3।।
कानन कुण्डल कर स्फटिकमणि माल।
दोउ कर विणा देती शोभा नित हर हाल।।
चतुर्भुजी फल चार दायिनी माँ वर दे।
बुद्धि ज्ञान से मन भर दे हे मातु शारदे।।4।।
आस्तिन का साँप। serpent
अब मैं भी गया हूँ भाँप।
होते है आस्तिन में साँप।।
मीरजाफ़र जयचंद तब।
अपना बन पराये अब।।
पराये हो जायें अपने जब।
अपने हो जायें पराये कब।।
सर्पेन्ट मर्चेन्ट का कमिटमेंट।
अदृश्य है शॉपिंग सेटेलमेंट।।
हर शाख पे चिपके सर्पेन्ट।
खटमल से होते है परमानेंट।।
आस्तिन के साँप
लेते पहले ही भाँप
पहुँच इनकी सब लोक।
है न कहीं इन्हें रोक टोक।।
सबको जानते
सबको मानते
सब हैं इन्हें पहचानते ।
सबका सब सम्हालते।।
रूप है इनके अनेक
हो प्रगट ये एकाएक
करते प्रहार सविवेक।
होते नहीं ये कही चेक।।
बगुला भगत
शोषण सतत
है ठाव ठाव नित कर्म रत।
देव-दानव को नमन शत-शत।।
गुरुवार, 11 अप्रैल 2019
√ यात्रा मुहूर्त
।।यात्रा मुहूर्त।।
आज- कल की बेतहाशा भाग-दौड़ की जिन्दगी में शास्त्र- सम्मत मुख्य बिन्दु जिन्हें हम ध्यान रखें और अपनी यात्रा को सफल बनायें ।
शुभ तिथि :-
दोनों पक्षों अर्थात शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की 2 -3 -5 -7 -10-11 -13 शुभ , केवल कृष्णपक्ष की प्रतिपदा शुभ और शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शुभ , किन्तु इनमें भद्रा त्याज्य है ।
दोनों पक्षों की 4,9,14 और अमावस्या यात्रा में पूर्णतः वर्जित हैं।
शुभ नक्षत्र :-
अश्विनी , मुर्गशिरा , पुनवर्सु , पुष्य , हस्त , अनुराधा , श्रवण , धनिष्ठा और रेवती ।
मध्यम नक्षत्र :-
रोहिणी , तीनों उत्तरा , तीनों पूर्वा और मूल ।
शुभ चौघड़िया :-
अमृत , चर , लाभ , शुभ । अभिजीत है सदा शुभ।।
दिशा शूल:-
सोम शनीचर पूरब न चालू । मंगल बुध उतर दिसि कालू ।। रबी शुक्र जो पश्चिम जाय । हानि होय पथ सुख नहीं पाय।। बीफै दक्खिन करे पयाना । फिर नहीं समझे ताको आना ।।
समय शूल ;-
उषा काल में पूर्व गोधूलि में पश्चिम अर्धरात्रि में उत्तर और मध्यान्ह काल में दक्षिण की यात्रा के लिए प्रस्थान नहीं करना चाहिए ।
शुभ शकुन ;-
घर के बहार निकलते समय अर्थी, नाचती महिला, पूजा की थाली लिए कन्या, हँसता पागल ,दही-शक्कर, गाय, कलश, हाथी, सिंह, तिलक धारी ब्रहामण और सौभाग्यवती स्त्री का दिखना शुभ है ।
अप शकुन;-
घर से बहार निकलते समय खाली घड़ा, नपुंसक , शोकयुक्त रोता हुआ कुत्ता, घायल गाय ,कराहता सिंह, रास्ता काटती बिली, छींक का आना और रेंगता हुआ सर्प दिखाई पड़े तो अपशुगन माना जाता है ।लेकिन मान्यता है कि ऐसी स्थिति में थोड़ा रुक कर यात्रा पर आगे बढ़ने से यात्रा सफल हो जाती है।
यात्रा दोष परिहार:-
पहली मान्यता है कि मंगलवार को गुड़, बुधवार को धनिया,राई या तिल,गुरुवार को दही या मिठाई, शुक्रवार को जौ या दही, शनिवार को तिल, खिचड़ी या उड़द,रविवार को दलिया, शक्कर या घी ,सोमवार को खीर खाकर या दर्पण के सामने तिलक करके यात्रा शुरू करने से वार दोष दूर हो जाते हैं।
दूसरी मान्यता है कि जहाँ हम नित्य जाना-आना करते हैं वहाँ यात्रा,यात्रा नियमों से मुक्त रहती है।जब यात्रा करने वाले का मन प्रसन्न हो,वातावरण आनन्दमय हो तब यात्रा आनन्दप्रद होती है।
अतः ।। सानन्द यात्रा ।सफल यात्रा।।
।। धन्यवाद ।।
शनिवार, 30 मार्च 2019
।।परिधावी संवत्सर दो हजार छिहत्तर ।।
आयो आयो नव वर्ष अब आयो।
नव संवत्सर नव प्रकाश फैलायो ।।
परिधावी नाम इसे है खूब भायो । वसंत सा मानव जीवन लुभायो।।1।।
आप के घर परिवार में नव बहार दे।
उल्लास मान सम्मान नित नव भर दे।।
दो हजार छिहत्तर यह संवत्सर नाम दे।
शीघ्रता से नव नव अविराम काम दे ।।2।।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा छ:अप्रैल उन्नीस।
शनि राजा के राज में हो जावो बीस।।
सचिव सूर्य निज प्रकाश पुंज सींच।
भारत लाल को करें सतत ही रीच ।।3।।
सत्य सत काम नाम पूरे बुध सत्येश ।
हर रस मिलावें सब जीवन शुक्र रसेश।।
धन वर्षा हो धनिक बनाये मंगल धनेश।
विरोधाभास मिटाये पुत्र-पिता शनि-दिनेश।।4।।
सर्वमान्य है चैत्र का चंद चेटी चंड सिन्धु में ।
नौरोज नव यू रोज सु प्रभात हमारे कश्मीर में ।।
चंद्र मास धर्म कर्म तीज त्यौहार लोक व्यवहार में ।
नहा ले आज हर सुख साधन रेवती रानी राज में ।।5।।
नित नव दुर्गा का करें स्मरण।
राम नाम करे दु:ख दा हरण ।।
सत सतजन को सत सत नमन।
परिधावी देवें नित नव नव चरन ।।6।।
बुधवार, 20 मार्च 2019
होली दो हजार उन्नीस
सात रंगों के इन्द्र धनुष सा आभा हो सब जीवन में।
सुख-सागर में हर पल हो दुख न हो भव-सागर में ।।
आन्जनेय मानवता भरें सुख-शान्ति दे इस चराचर में।
जीवन हो शुद्ध सरल सुरसरि सा पावन हो सब थल में।।