तलाश आज-कल जीवन में जीवन का।
नहीं पाये कोई मंजिल अपने नव जीवन का।।
बिजली-जीवन जल-जीवन पीने का।
विकल्प में नित नव-नव विकल्प ढूढ़ने का।।1।।
सज गया है चारों तरफ इस धरा पर।
नव महाभारत स्वार्थ-शकुनि शह पर।।
शांति मिले कैसे अशांति क्षण पर।
विकल्प भागलो किसी भी आपदा पर।।2।।
भाग लो नहीं भागलो मंत्र बनालो अब।
आपदा-असुर असुरक्षित हो ही जायें सब।।
विकास-पथ पग चूमे झूम-झूम कब।
विकल्प परिश्रम का सतत बना रहे जब।।3।।
घर भीतर-बाहर दस दिश हैं ताम-झाम।
पग-पग पल-पल हैं उलझे हो बस काम।।
पलायन से बच श्रेष्ठ कर्म करो निज धाम।
विकल्प की तलाश पूरी करेगे ही तब राम।।4।।
मंगलवार, 13 अगस्त 2019
।। विकल्प ।।substitute hindi poem
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