मद्वयं भद्वयं शैवं वत्रयं ब्रत्रयं तथा।
अ ना प लिं ग कू स्कानि पुराणानि पृथक् पृथक्।।
( महिम्नस्त्रोत्र मधुसूदनटीका )
मद्वयं= मत्स्यपुराण,मार्कण्डेयपुराण
भद्वयं=भविष्यपुराण, भागवतपुराण
शैवं = शिवपुराण
वत्रयं =विष्णुपुराण, वाराहपुराण, वामनपुराण
ब्रत्रयं =ब्रह्मपुराण,ब्रह्मांडपुराण, ब्रह्मवैवर्तपुराण
अ = अग्निपुराण
ना = नारदपुराण
प = पद्मपुराण
लिं = लिंगपुराण
ग = गरुड़पुराण
कू = कूर्मपुराण
स्कानि= स्कंदपुराण
इस प्रकार कुल अठारह पुराण हैं।
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