शनिवार, 18 मई 2024

।। किनारा का पर्यायवाची।।

।। किनारा का पर्यायवाची।।
दो दोहों में सत्रह पर्यायवाची शब्द
मार्जिन हाशिया अंचल,कूल किनारा कोर।
तट कगार साहिल पुलिन,शोर को कहे छोर।।1।।। 12
सिरा बीच एज व कोस्ट,कहते हैं सब संत।
मां गंगा का हर तीर, करे पाप का अंत।।2।। 5
Edge,Shore,Coast,Beach

शुक्रवार, 17 मई 2024

।। किरण का पर्यायवाची।।

।। किरण का पर्यायवाची।।
एक दोहे में चौदह पर्यायवाची शब्द
अर्चि मरीचि मयूख कर,गो प्रभा रश्मि दीप्ति।
अंशु कला दीति हि किरन, बीम रे और ज्योति।।
 Beam,Ray

।। कांति का पर्यायवाची।।

।। कांति का पर्यायवाची।।
दो दोहों में पच्चीस पर्यायवाची शब्द
उजाला आलोक चमक,उजास दमक प्रदीप्ति।
सुषमा सौन्दर्य रौनक,श्री आभा छवि दीप्ति।।1।।
ज्योति तेज प्रभा प्रकाश,शोभा उद्योत द्युति।
शाइन रेडियन लाइट,छटा को कहें कान्ति।।2।।
Radian Shine Light 

।। कली का पर्यायवाची।।

।। कली का पर्यायवाची।।
एक ही दोहे में तेरह पर्यायवाची शब्द
अँखुवा डोंडी कुडमल,कल्ल कलिका कोरक।
बड अंकुर मुकुल जालक,किसलय कली कोंपल।।1।।
Bud 

।। कमल का पर्यायवाची।।

।। कमल का पर्यायवाची।।
तीन दोहों में चौतीस पर्यायवाची शब्द
अम्बुज नीरज राजीव,शतदल जलज सरोज।
पद्म पंकज अब्ज कंज, पुण्डरीक अम्भोज।। 1।।
कुशेशय कुवलय पुष्कर,सरसीरुह महोत्पल।
अरविन्द नलिन सारंग,शतपत्र वनज उत्पल।।2।।
तरुणज तामरस सरसिज,इन्दीवर पाथोज।
पंकरुह कोकनद कमल, लोटस कुमुद वारिज।।3।।
Lotus 

।। कपड़ा का पर्यायवाची।।

।।  कपड़ा का पर्यायवाची।।
दो दोहों में पंद्रह पर्यायवाची शब्द
पोशाक परिधान चीर, शोभित करते वीर।
अंबर आच्छादन वसन,जीवन में हो धीर।।1।।
पहनावा लिबास वस्त्र,पगड़ी से है शान।
कपड़ा पट दुकूल चेल,अंशुक से सम्मान।।2।।

गुरुवार, 16 मई 2024

✓।। सोना का पर्यायवाची।।

।। सोना का पर्यायवाची।।
दो दोहों में उन्नीस पर्यायवाची शब्द

तपनीय तामरस कनक, हेम हिरण्य हाटक।
चामीकर सोना स्वर्ण,सुवर्ण रुक्म हारक।।1।।

(अ)-तामरस 

सियरे बदन सूखि गए कैसे।परसत तुहिन तामरस जैसे ।

1-कमल 2- सोना 3- ताँबा 4-धतूरा 5-सारस 

(ब)-कनक का अर्थ सोना और धतूरा आप जानते ही हैं -

कनक कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय। 
वा खाए बौराय जग, या पाए बौराय।।

कलधौत गोल्ड सुवानन,महारजत हि कंचन।
जटारूप से जातरूप, हो गया  है कुंदन।।2।।

(अ)-Gold अंग्रेजी में
(ब)-सुवानन (काम किया हुआ सोना)
(स)-जटारूप ,जाटरूप , जातरूप

जातरूप मनि रचित अटारीं। नाना रंग रुचिर गच ढारीं॥
पुर चहुँ पास कोट अति सुंदर। रचे कँगूरा रंग रंग बर॥