।।कौवा/कौआ के पर्यायवाची शब्द ।।
(1) प्रातर्भोक्ता शक्रजात,
आत्मघोष द्विक राग।।
कौवा कागा क्रो काक
करठ कागला काग।।
(a) इस दोहे में राग शब्द को
छोड़कर शेष सभी ग्यारह
शब्द कौआ के पर्याय हैं।
(b)शक्रजात और शक्रज दोनों
कौवा के पर्याय हैं इनका एक
अर्थ इन्द्रपुत्र जयन्त भी होता है ।
(c)कौवा को कौआ भी कहते है ।
(d)राजस्थानी में कौवा को कागला
तथा मारवाडी में हाडा कहा जाता
है राजस्थान में कहावत भी है
" मलके माय हाडा काळा "
अर्थात दुष्ट व्यक्ति हर जगह मिलते हैं।
पहले दोहे में कागला मिल ही
गया है दूसरे दोहे में हाडा को देखेगें---
(2)धूलिजंघ हाडा पिशुन
दिवाटन महालोभ ।
नगरीवक शक्रज वायस
लघुपाती महलोल।।
इस दोहे के सभी दस
शब्द कौआ के पर्याय हैं।
(a)सही शब्द महालोल है
मात्रापूर्ति के लिए महलोल
किया गया है।
(b)वायस को बायस भी
कहा जाता है--- देखें--
बायस पलिअहिं अति अनुरागा।
होहिं निरामिष कबहुँ कि कागा॥
और
सुरपति सुत धरि बायस बेषा।
सठ चाहत रघुपति बल देखा॥
।।।धन्यवाद।।।
प्रातर्भोक्ता शक्रजात, आत्मघोष द्विक राग।।
कौवा कागा क्रो काक,करठ कागला काग।।1।।धूलिजंघ हाडा पिशुन,दिवाटन महालोभ ।
नगरीवक शक्रज वायस,लघुपाती महलोल।।2।।
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