सोच समय ज्ञान देश तय करते कर्म क्षेत्र !
समय ज्ञान भावी वश बदल जाते है क्षेत्र !!
शौक मजबूरी पर लगा राज करे पर पर !
ये कराते है हमें कभी आराम कभी सफ़र !!
जनम करम मरन भूमि एक अनेक होती है !
भाग्य नचाती नाच नहीं कभी यह सोती है !!
चाहे अनचाहे भावी अपना काम कराती है !
जहां जाना जिसे उसे बिन चाहे ले जाती है !!
सफ़र कराती बात बनाती साथ निभाती है !
सुन्दर सुखद सरस सपन साकार कराती है !!
अनचाहे चाहत बनवा उसे पूरा करवाती है !
होनी होकर रहे अनहोनी न होय सिखाती है !!
घर से दूर दूजो को अपना सगा बनवाती है !
सजोती सवारती तो बना काम बिगड़वाती है !!
बिगड़ा काम बनवाकर अद्भुत नाम कराती है !
हसती हसाती रोती रुलाती हर खेल खिलाती है !!
जीवन एक सफ़र है जो हर हेतु हर तरह का है !
सुखद है दुखद है मिश्रित है मनोहर भी तो है !!
आये जीवन में कैसा भी विकट समय !
धैर्य धरो होगा अनुकूल नहीं विस्मय !!
सफ़र जिन्दगी का अद्भुत वर्णनीय है !
पग पग पर पतित पावनी कथा जू है !!
गीत है संगीत है जीवन का आधार है !
विकास है परिष्कार है सबका सार है !!
आवश्यकता है मजबूरी है मिलन डोरी है !
इसके बगैर जीवन की कल्पना कोरी है !!
राजा सा जीवन जिनका प्रजातंत्र में है !
भावी सफ़र हेतु ये भी तो परतंत्र ही है !!
राजा हो या रंक सबको मारे भावी डंक !
अछूता नहीं कोइ जीओ जीवन हो असंक !!
सफ़र का क्या कहना सच यह जीवन सा !
प्रारम्भांत जीवन सफ़र है प्रकृति अंग सा !!
उत्थान पतन नव निर्माण का सफ़र अनवरत !
स्वीकार कर सच भावी डर न हो कर्म विरत !!
समय ज्ञान भावी वश बदल जाते है क्षेत्र !!
शौक मजबूरी पर लगा राज करे पर पर !
ये कराते है हमें कभी आराम कभी सफ़र !!
जनम करम मरन भूमि एक अनेक होती है !
भाग्य नचाती नाच नहीं कभी यह सोती है !!
चाहे अनचाहे भावी अपना काम कराती है !
जहां जाना जिसे उसे बिन चाहे ले जाती है !!
सफ़र कराती बात बनाती साथ निभाती है !
सुन्दर सुखद सरस सपन साकार कराती है !!
अनचाहे चाहत बनवा उसे पूरा करवाती है !
होनी होकर रहे अनहोनी न होय सिखाती है !!
घर से दूर दूजो को अपना सगा बनवाती है !
सजोती सवारती तो बना काम बिगड़वाती है !!
बिगड़ा काम बनवाकर अद्भुत नाम कराती है !
हसती हसाती रोती रुलाती हर खेल खिलाती है !!
जीवन एक सफ़र है जो हर हेतु हर तरह का है !
सुखद है दुखद है मिश्रित है मनोहर भी तो है !!
आये जीवन में कैसा भी विकट समय !
धैर्य धरो होगा अनुकूल नहीं विस्मय !!
सफ़र जिन्दगी का अद्भुत वर्णनीय है !
पग पग पर पतित पावनी कथा जू है !!
गीत है संगीत है जीवन का आधार है !
विकास है परिष्कार है सबका सार है !!
आवश्यकता है मजबूरी है मिलन डोरी है !
इसके बगैर जीवन की कल्पना कोरी है !!
राजा सा जीवन जिनका प्रजातंत्र में है !
भावी सफ़र हेतु ये भी तो परतंत्र ही है !!
राजा हो या रंक सबको मारे भावी डंक !
अछूता नहीं कोइ जीओ जीवन हो असंक !!
सफ़र का क्या कहना सच यह जीवन सा !
प्रारम्भांत जीवन सफ़र है प्रकृति अंग सा !!
उत्थान पतन नव निर्माण का सफ़र अनवरत !
स्वीकार कर सच भावी डर न हो कर्म विरत !!
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