शनिवार, 12 फ़रवरी 2022

।। अनुप्रास अलंकार ।।

                 ।।अनुप्रास अलंकार।।
           अनुप्रास अलंकार एक प्रमुख शब्दालंकार है।अनुप्रास शब्द ‘अनु’ तथा ‘प्रास’ शब्दों के योग से बना है। ‘अनु’ का अर्थ है :- बार-बार तथा ‘प्रास’ का अर्थ है- वर्ण। अर्थात वर्णों की आवृत्ति को अनुप्रास कहते है। आवृत्ति का अर्थ  है किसी वर्ण का एक से अधिक बार आना है।
            अतः अनुप्रास अलंकार की परिभाषा बनती है कि"जब काव्य में एक या अनेक वर्ण बार-बार समीपता से आते हैं  तब वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।"
 उदाहरण :-
1-चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थीं जल थल में।
2-चंदू के चाचा ने चंदू की चाची को चाँदी के चम्मच से      चटाचट चटनी चटाई।
3- खङ्गसिंह  के खङकने से खङकती हैं खिङकियाँ।          खिङकियों के खङकने से खङकता है खङ्गसिंह।। अनुप्रास अलंकार के पाँच भेद हैं
1-छेकानुप्रास     2-वृत्यानुप्रास       3-श्रुत्यानुप्रास    4-लाटानुप्रास     5-अन्त्यानुप्रास
   (1)  छेकानुप्रास  अलंकार
       जब काव्य में एक या अनेक वर्णों की एक ही बार आवृत्ति हो( दो बार ही आयें)तो वहाँ छेकानुप्रास अलंकार होता है।छेक का शाब्दिक अर्थ है चतुर। अतः इसे छेकानुप्रास अलंकार कहते हैं।
उदाहरण :-
1-कानन कठिन भयंकर भारी। घोर घाम हिम बार-बयारी।।       
  प्रस्तुत पद में ’क’’भ’’घ’ एवं ’ब’ वर्णों का दो-दो बार प्रयोग (एक बार आवृत्ति) हुआ है, इसलिए यहाँ छेकानुप्रास अलंकार है।अन्य उदाहरण भी देखें--
2- मोहनी मूरत साँवरी सूरत, नैना बने बिसाल।
3- अति आनन्द मगन महतारी।
4- कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि।
    कहत लखन सन रामु  हृदयँ गुनि।
    मानहुँ   मदन    दुंदुभी   दीन्ही।
    मनसा बिस्व बिजय कहँ कीन्ही॥
5-पास प्रियतम आन बैठो, जीर्ण जीवन नाव में।
6- परम पुनीत भरत-आचरनू।

शनिवार, 29 जनवरी 2022

√पर्यायवाची शब्द सुबह के

      ।।  सुबह के पर्यायवाची शब्द  ।।
          ( दो दोहों में  23  पर्याय)
अरुणोदय प्रातःकाल,उषा प्रभात फजर।
प्रातः सकार भिनसार,निशान्त तड़का सहर।।1।।
अलस्सुबह ब्रह्ममुहूर्त,सुबह सबेरा डॉन।
दिनमुख सकाल प्रात पौ,मॉर्निंग भोर विहान।।2।।
इन दोनों दोहों के सभी के सभी  23 पद सुबह के पर्याय हैं।
              ।।    धन्यवाद   ।।

√पर्यायवाची शब्द राक्षस के

        ।।पर्यायवाची शब्द राक्षस के।।
       (दो दोहों में 2×11=22 पर्यायवाची)
राक्षस सुरारि अमरारि,दैत्य दितिज निशाचर।
यातुधान दानव दनुज,देवारि रजनीचर ।।1।।
निशिचर तमचर ध्वांतचर,दितिसुत असुर शक्रारि।
मॉन्सटर(monster)  डिमन(demon) देवरिपु,
शुक्र शिष्य इन्द्रारि।।2।।
             ।। धन्यवाद।।

√पर्यायवाची शब्द देवता के

पर्यायवाची शब्द देवता के
देव देवता दनुजारि,दानवारि  शुभेश्वर
आकाशचारी अमर्त्य,अस्वप्न अजर अमर।।1।।
 वृदारक अदितिनन्दन ,असुरारि अनन्तचर  ।
गगनगामी  व विश्वरुप,विविध लेख गगनचर।।2।।

सोमवार, 24 जनवरी 2022

पर्यायवाची शब्द चन्द्रमा के

         ।।पर्यायवाची शब्द चन्द्रमा के।।
         (पाँच दोहों में 48 पर्याय)
रोहिणीपति औषधिपति ,निशापति निशानाथ।
कुमुदबन्धु तारकेश्वर,निशाकर निशिनाथ।।1।।
ग्रहराज चन्द्र चाँद,क्षपाकर क्षपानाथ।
अमीकर शशांक चंदा,निशाकान्त तमनाथ।।2।।
अत्रिज हिमांशु सुधाकर,निशिकर नक्षत्रनाथ।
ताराधीश तुषारांशु,उडपति तारानाथ।।3।।
छायांक तमोहर सोम,मृगलांक्षन कलाधर।
सुधांशु मृगांक महताब,अंशुमाली शशधर।।4।।
दधिसुत मयंक सारंग,दोषाकर विभाकर।
हिमकर शितांशु इंदु शशि,उडुराज रजनीकर।।5।।

                  ।। धन्यवाद।।
      

रविवार, 23 जनवरी 2022

ब्राह्मण के पर्यायवाची शब्द

।।ब्राह्मण के पर्यायवाची शब्द।।
अग्रजन्मा द्विजाति विप्र,
   द्विज महिसुर महिदेव।
ब्राह्मण भूसुर भूमिसुर,
        भूमिदेव    भूदेव।।
    ।। धन्यवाद।।
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सोमवार, 17 जनवरी 2022

√गधा के पर्यायवाची शब्द

         ।।गधा के पर्यायवाची शब्द।।
         ( दो दोहों में 14 पर्याय)
वैशाखनन्दन ही हैं, चक्रीवान   रासभ
मूर्खों के उपमान भी,गधा गदहा गर्दभ।।1।।
पर्याय हैं शंखकर्ण, ऑस डंकी धूसर
माता शीतलावाहन, खर खोताबेशर।।2।।
          ।।धन्यवाद।।