इस अलंकार के अनेक भेद भी माने गए हैं जिनमें से दो भेद सर्वमान्य हैं।
3.या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।’4.तंत्री नाद कवित्त रस, सरस राग रति रंग।
सखर सुकोमल मंजु दोष रहित दूषन सहित।।
काव्यलिंग अलंकार:-
किसी युक्ति से समर्थित की गयी बात को 'काव्यलिंग अलंकार' कहते है। यहाँ किसी बात के समर्थन में कोई-न कोई युक्ति या कारण अवश्य दिया जाता है।यह एक तर्क न्यायमूलक अलंकार है।बिना ऐसा किये वाक्य की बातें अधूरी रह जायेंगी।
उदाहरण:-
कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
उहि खाए बौरात नर, इहि पाए बौराय।
धतूरा खाने से नशा होता है, पर सुवर्ण पाने से ही नशा होता है।
यह एक अजीब बात है।
यहाँ इसी बात का समर्थन किया गया है कि सुवर्ण में धतूरे से अधिक मादकता है।
दोहे के उत्तरार्द्ध में इस कथन की युक्ति पुष्टि हुई है। धतूरा खाने से नशा चढ़ता है, किन्तु सुवर्ण पाने से ही मद की वृद्धि होती है, यह कारण देकर पूर्वार्द्ध की समर्थनीय बात की पुष्टि की गयी है।
उदाहरण:-
2.स्याम गौर किमि कहौ बखानी।
गिरा अनयन नयन बिनु बानी।।
3.सिय सोभा नहि जाइ बखानी।
जगदम्बिका रूप गुन खानी।।
4.प्रभु ताते उर हतै न तेही।
एहि के हृदय बसति बैदेही।।
।। धन्यवाद ।।
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Subj | Obj | Possessive adjective | Possessive pronoun |
---|---|---|---|
I | me | my | mine |
you | you | your | yours |
he | him | his | his |
she | her | her | hers |
it | it | its | its |
we | us | our | ours |
they | them | their | theirs |
1.ऊपर के सात Possessive adjectives जैसे-my,your,his,her,its,our और their ये शव्द सर्वनाम(pronoun) होते हुवे भी विशेषण(adjective) हैं,इनके बाद कोई न कोई संज्ञा(noun) अवश्य आती है।
Example:-
- Her husband is a graduate.
-It is your duty.
-They follow their faith.
2.ऊपर के सातPossessive pronouns जैसे-mine,yours,his hers,its,ours और theirs ये शव्द सर्वनाम ही हैं, अतः इनके बाद कोई संज्ञा( noun) नहीं आयेगी क्योकि सर्वनाम के बाद संज्ञा का प्रयोग नहीं होता है।
Note:- Never use apostrophe 's' with Possessive pronouns .
Example:-आइये आज हम सभी क्लासेज एवं सभी कंपेटिशन्स के लिए मोस्ट इम्पॉर्टेन्ट अलंकार सम्बन्धित प्रश्नोत्तर को विस्तार से जानें और लाभ उठायें।
प्रश्न-1- कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।वा खाए बौराय जग, वा पाए बौराय।। यहाँ कौन सा अंलकार हैं?
उत्तर- यमक
प्रश्न-2- जहाँ बिना किसी कारण के कार्य का होना पाया जाय वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
उत्तर-विभावना अलंकार
प्रश्न-3- जहाँ उपमेय में अनेक उपमानों की शंका होती है वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
उत्तर-सन्देह अलंकार
प्रश्न-4- दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही संध्या-सुन्दरी परी सी धीरे-धीरे-धीरे। इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
उत्तर-मानवीकरण अंलकार
प्रश्न-5- तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं। इस पंक्ति में कौन सा अंलकार है?
उत्तर-यमक अलंकार
प्रश्न-6- रहिमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारै करै, बढ़े अंधेरो होय। यहाँ कौन सा अंलकार है?
उत्तर- श्लेष अलंकार
प्रश्न-7- संदेसनि मधुवन कूप भरे। यहाँ कौन सा अंलकार है?
उत्तर-अतिशयोक्ति अलंकार
प्रश्न-8- तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
उत्तर-अनुप्रास अलंकार
प्रश्न-9- पापी मनुज भी आज मुख से राम नाम निकालते । इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
उत्तर- विरोधाभास अलंकार
प्रश्न-10- खिली हुई हवा फिरकी सी आई चली गई। इस पंक्ति में कौन साअलंकार है?
उत्तर- उपमा अलंकार
प्रश्न-11- उपमेय में उपमान का निषेध रहित आरोप हो तो कौन सा अंलकार होता है?
उत्तर- रूपक अलंकार
प्रश्न-12- सुबरन को खोजत फिरत कवि व्यभिचारी चोर। इस पंक्ति में कौन सा अंलकार है?
उत्तर- श्लेष अलंकार
प्रश्न-13- सारंग ले सारंग चली कर सांरग की ओट,
सारंग झीनो देखकर सारंग कर गयी चोट।।
यहाँ कौन-सा अलंकार है?
उत्तर-यमक अलंकार
प्रश्न-14-बढ़त-बढ़त संपति-सलिल, मन -सरोज बढ़ जाइ। घटत-घटत पुनि ना घटे,बरु समूल कुम्हलाइ।। इस पंक्ति में कौंन सा अलंकार है?
उत्तर- रूपक अलंकार
प्रश्न-15- नवल सुन्दर श्याम शरीर में ।यहाँ कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- उल्लेखअलंकार
प्रश्न-16-पूत सपूत तो का धन संचय, पूत कपूत तो का धन संचय। प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- लाटानुप्रासअलंकार
प्रश्न-17- पानी बिच मीन प्यासी मोहि सुनि सुनि आवै हासी । यहाँ कौन सा अलंकार है?
उत्तर- विशेषोक्ति अलंकार
प्रश्न-18- जब किसी सामान्य बात का विशेष बात से तथा विशेष बात का सामान्य बात से सर्मथन किया जाए, तब वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
उत्तर- अर्थान्तरन्यासअलंकार
प्रश्न-19- चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से। यहाँ कौन-सा अंलकार है?
उत्तर- अनुप्रास अंलकार
प्रश्न-20- चरन-कमल बन्दौ हरि राई। यहाँ कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- रूपक अंलकार
प्रश्न-21- उसी तपस्वी से लंबे थे, देवदार दो चार खड़े ।इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- प्रतीप अंलकार
प्रश्न-22- अब अलि रही गुलाब में, अपत कटीली डार।कौन-सा अंलकार है?
उत्तर- अन्योक्ति अंलकार
प्रश्न-23- कुन्द इन्दु सम देह, उमा रमन करुनाअयन।यहाँ कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- उपमा अंलकार
प्रश्न-24- कबिरा सोई पीर है, जे जाने पर पीर।जो पर पीर न जानई, सो काफिर बे पीर।यहाँ कौन सा अलंकार है ?
उत्तर- यमक अंलकार
प्रश्न-25- पट-पीत मानहुँ तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरं। इस पक्ति में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- उत्प्रेक्षा अलंकार
प्रश्न-26- नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल ।अली कली ही सौं बिध्यौं, आगे कौन हवाल ।।यहाँ कौन सा अलंकार है ?
उत्तर- अन्योक्ति अंलकार
प्रश्न-27- ध्वनि-मयी कर के गिरि-कंदरा। कलित-कानन केलि निकुंज को । यहाँ कौन-सा अलंकार है ?
उत्तर- अनुप्रास अलंकार
प्रश्न-28 -माली आवत देखकर,कलियन करे पुकारि।
फूले फूले चुनि लिये,कालि हमारी बारि॥ यहाँ कौन सा अलंकार है ?
उत्तर- अन्योक्ति अलंकार
प्रश्न- 29 - जब उपमेय तथा उपमान में पूर्ण रूपेण भ्रम हो जाए तब वहाँ कौन सा अलंकार होता है?
उत्तर-भ्रांतिमान अलंकार
प्रश्न -30- पीपर पात सरिस मन डोला।यहाँ कौनसा अलंकार है?
उत्तर-उपमा अलंकार
प्रश्न -31-देखि सुदामा की दीन दशा करुना करिके करुनानिधि रोये। पानी परात को हाथ छुओ नहिं नयनन के जल सो पग धोये।।यहाँ कौनसा अलंकार है?उत्तर-अतिश्योक्ति अलंकार
प्रश्न- 32 - जहाँ समानता की बात संभावना के रूप में की जाए वहाँ कौन सा अलंकार होता है?
उत्तर- उत्प्रेक्षा अलंकार
प्रश्न -33 -रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गए न उबरे, मोती मानुस चून।यहाँ कौन सा अलंकार है?
उत्तर- श्लेष अलंकार
प्रश्न -34 - अलंकार का शाब्दिक अर्थ है-
उत्तर-आभूषण (ornament)
प्रश्न -35 - मेरी भव बाधा हरे राधा नागरि सोय।
जा तन की झाई परे श्याम हरित दुति होय। यहाँ कौन सा अलंकार है?
उत्तर- श्लेष अलंकार
प्रश्न -36- ले चला साथ मैं तुझे कनक, ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक। यहाँ कौन सा अलंकार है?
उत्तर-उत्प्रेक्षा अलंकार
प्रश्न - 37- पच्छी परछीने ऐसे परे पर छीने बीर।
तेरी बरछी ने बर छीने है खलन के।।
यहाँ कौन सा अलंकार है?
उत्तर- यमक अलंकार
प्रश्न -38-'वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे' में कौन सा अलंकार है?
उत्तर-यमक अलंकार
प्रश्न - 39- अम्बर-पनघट में डुबो रही, तारा-घट ऊषा-नागरी। यहाँ कौन सा अलंकार है?
उत्तर-रूपक अलंकार
प्रश्न - 40-काली घटा का घमंड घटा।यहाँ में कौन सा अलंकार है?
उत्तर- यमक अलंकार
प्रश्न - 41- संतो-भाई आई ज्ञान की आंधी रे। यहाँ कौन सा अलंकार है?
।। धन्यवाद ।।b
उदाहरण :-
"मोहब्बत एक मीठा ज़हर है"
इस वाक्य में ज़हर को मीठा बताया गया है जबकि ये ज्ञातव्य है कि ज़हर मीठा नहीं होता। अतः, यहाँ पर विरोधाभास अलंकार है।
सुधि आये सुधि जाय
मीठी लगै अँखियान लुनाई
3.या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।’4.तंत्री नाद कवित्त रस, सरस राग रति रंग।
अनबूङे बूङे तिरे, जे बूङे सब अंग।।’’
Indirect description a figure of speech
अप्रस्तुतप्रशंसा अलंकार :-
जहाँ अप्रस्तुत के वर्णन में प्रस्तुत की प्रतीति हो, वहाँ 'अप्रस्तुतप्रशंसा' अलंकार होता है ।
अप्रस्तुतात् प्रस्तुत-प्रतीति: अप्रस्तुतप्रशंसो।
अप्रस्तुत प्रशंसा का अर्थ है- अप्रस्तुत कथन।
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो।
उसको क्या जो दंतहीन
विषरहित विनीत, सरल हो।
यहाँ अपस्तुत सर्प के विशेष वर्णन से सामान्य अर्थ की प्रतीति होती है कि शक्तिशाली पुरुष को ही क्षमादान शोभता है। यहाँ ' अप्रस्तुतप्रशंसा' है।
यह अप्रस्तुत प्रशंसा 5 प्रकार से होती है--
1.कारण निबन्धना
कोउ कह जब बिधि रति मुख कीन्हा।
सार भाग ससि कर हरि लीन्हा॥
छिद्र सो प्रगट इंदु उर माहीं।
तेहि मग देखिअ नभ परिछाहीं॥
2.कार्य निबंधना
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर।।
3.विशेष निबन्धना
बार बार अस कहइ कृपाला।
नहिं गजारि जसु बधें सृकाला॥
मन महुँ समुझि बचन प्रभु केरे।
सहेउँ कठोर बचन सठ तेरे॥
4.सामान्य निबन्धना
कुपथ माग रुज ब्याकुल रोगी।
बैद न देइ सुनहु मुनि जोगी॥
एहि बिधि हित तुम्हार मैं ठयऊ।
कहि अस अंतरहित प्रभु भयऊ।।
5.सारूप्य निबन्धना(अन्योक्ति)
मानस सलिल सुधाँ प्रतिपाली।
जिअइ कि लवन पयोधि मराली॥
नव रसाल बन बिहरनसीला।
सोह कि कोकिल बिपिन करीला ॥
मानसरोवर के अमृत के समान जल से पाली हुई हंसिनी कहीं खारे समुद्र में जी सकती है।नवीन आम के वन में विहार करने वाली कोयल क्या करील के जंगल में शोभा पाती है।
यहाँ सारूप्य निबन्धना के माध्यम से सीता का चित्रण किया गया है।
।। धन्यवाद ।।