सोमवार, 15 जून 2020

। । आओ हम विचारे । । come we think hindi poem

आओ हम विचारे कुछ आज ,सूर्य-चन्द्र सा करते काज। 
          दिन-रात सिखे-सिखाये साज ,देश बनाये जग सिर ताज।। १।।
          श्री की चाह जह राह आज ,तह येन-केन मन-बंचक राज।
          छोड़ जग मर्यादा मान लाज,मृगमरीचिका पर करते नाज।। २ । ।
          निज आन मान मर्यादा मर्यादा, पर पर का सब बकवास । 
          आज निज का निज जन ही ,करने को आतुर है सर्वनास । । ३ । ।
          विश्व के दिग्गज महा नायक,विकसित बड़े-बड़े जो देश । 
          कथनी-करनी है मयूर सी,भोजन विषधर सुन्दर वेश । । 4 ।  । 
          किसकी किसकी गाथा गाये,पड़ोसियो का क्या कहना । 
          निज विस्तार ही जिनको भाये,निजता ही जिनका गहना । । 5। । 
          अस्त्र-शस्त्र आतंक अंक मे,पलते इनके सारे ख्वाब । 
           जैविक कोरोना अंगना मे,संग शराब शबाब कबाब । । 6। । 
          खेल रहे दक्ष रक्षक कामी, फैला घातक रोग सुनामी । 
          अर्थहीन अर्थ अनर्थ कामी,बाम मार्गी ये कु मार्ग गामी । । 7। । 
          दीन-हीन जन मीन बना,  ये मछुवारे हैं जाल बिछाये । 
           सत्ता-धन को शान बना,जग मह नाश का रास रचाये । । 8। । 
           शेष सभी को आज संग हो,हरदम साथ निभाना है। 
          संघे शक्ति कलियुगे हो,दुष्टों को औकात दिखाना है। । 9। ।   


         

         
          

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