नव किसलय नव वर्ष लहरे जन शिखा पर हरदम।गुरु गुरुतर ज्ञान मान धन धान्य भरे बन करदम।।1।।दो हजार पन्द्रह सोलह कला कान्ति दे सुख शान्ति दे।मन मलिनता तन कलुषता हटा हृदय दूरी पाट दे ।।2।।प्रण करना सहज कठिन है निभाना के संज्ञान से ।सद संकल्प नित निभाने की लालसा हो सम्मान से ।।3।।सहज बयर बिसराय राय मणि माणिक मुक्ता सी ।जन्म कर्म मुक्त ज्ञान रश्मि माहताब आफताब सी ।।4।।इच्छित रक्षित फ़लै फ़ुलै अनुराग वन मन में ।फैले प्रेम पराग सौदामिनी सा चमके जन जन में ।।5।।
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