जग धारा में बहना सुख दुःख सहना रह अतृप्त !
काम कोह लोभ मोह चाहे-अनचाहे करे संलिप्त !!
बहाने बहाते सच को हो कर शत असत में लिप्त !
मन मार मार डाले चलाये कर को कर स्व लिप्त !!१!!
मन डोले तन डोले होले होले कदम डोले हो किंकर !
मन के दास-दासी बन नाचे जग का हर नारी-नर !!
मन राजा कृतदास सा मान हमें काटे हमारा पर !
मन का राजा बन हो जाय सफल पग पग पर !!२!!
काम कोह लोभ मोह चाहे-अनचाहे करे संलिप्त !!
बहाने बहाते सच को हो कर शत असत में लिप्त !
मन मार मार डाले चलाये कर को कर स्व लिप्त !!१!!
मन डोले तन डोले होले होले कदम डोले हो किंकर !
मन के दास-दासी बन नाचे जग का हर नारी-नर !!
मन राजा कृतदास सा मान हमें काटे हमारा पर !
मन का राजा बन हो जाय सफल पग पग पर !!२!!