क्रिकेट की कहानी, कहना न जुबानी!
खेल खेलने से ही ज्ञात हो इसकी जवानी!!
सिलसिला हार का जीतो मे बदलो तब तो करे बात!
पङो प्रतिपक्ष पर प्रबल तभी बनेगी यह बात!!
नही खेलना देशहित तो छोङ दो खेलना!
बार-बार हार देखने से अच्छाहै इससे नाता तोङना!!
खेलो देश या विदेश रखो शान मान!
तभी होगी ये खिलाङियो तेरी सच्ची पहचान!!
एक-दो की जैसी पारियो से कर लेते हो पक्का स्थान!
वैसा ही सभी पारियो मे खेलो तब बने सच्ची पहचान!!
जानते है सभी यह बात अन्दर-ान्दर!
कही
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