हे केशव बृजबिहारी ,है आप सदा निष्काम !
भाल बिशाल अमिय ,मोहै देखी ललाम !!
मोरपंख शिर वैसे ,शशि सोहै जू शिवधाम !
सुआस करो पूरी ,हर जन की हे पूरनधाम !!१!!
हे वंशीधर नंदलाल ,तेरी छबि वारे कोटि काम !
रक्षक हर पल ,करे भक्षको का काम तमाम !!
तन मन धन सब अर्पित ,हे जन के सुखधाम !
सुआस करो पूरी , हर जन की हे पूरनधाम !!२!!
हे माधव मदन मुरारी ,कहू क्या हे कान्तिधाम !
जनम जनम सुख पावे ,जन ले ले तेरा नाम !!
गल माल सुवासित ,बाजूबंद बिराजे बाजूधाम !
सुआस करो पूरी ,हर जन की हे पूरनधाम !!३!!
हे मधुसूदन राधेश्याम ,हरे कृष्ण हरे राम !
हरते हर पापियों को,करते भक्त के हर काम !!
भक्त का कुछ हर न सके कोई ,हे त्राहि माम !
सुआस करो पूरी ,हर जन की हे पूरनधाम !!४!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें