प्रभु राम के वनवास से अवध आगमन का सद पर्व।
छटा स्नेह प्रेम मान धन धान्य धर्म की फैलाये सर्व।।
दीपशिखा सा हेमाभ कान्ति आपको दे यह दीवाली ।
सब सुख सुविधा देवों सा दे हर जन को जग माली।।
साकेत कुल लक्ष्मी जनक सुता जग जननी जानकी।
पूरें नित नव आस जहां में हर हर जगत तनयकी।।
स्वीकार करें हार्दिक शुभकामनायें मेवाती नन्दन की।
शतरश्मि दहुदिशि फैले देश विदेश भारत भारती की।।
दीपावली की कोटिशः शुभकामनाओं सहित
आपका गिरिजा शंकर तिवारी "शांडिल्य"
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