रविवार, 17 नवंबर 2024

✓मानस चर्चा ।।श्रीगोस्वामी जी एवं श्री हनुमानजी।।

मानस चर्चा 
।।गोस्वामी तुलसीदासजी एवं श्री हनुमानजी।।
सिय राम मय सब जग जानी।
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी।।
श्रीरामचरित मानस लिखने के दौरान
तुलसीदासजी ने लिखा-
सिय राम मय सब जग जानी।
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी।।
अर्थात 'सब में राम हैं और हमें उनको हाथ
जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।'
यह लिखने के उपरांत तुलसीदासजी जब अपने गांव की
तरफ जा रहे थे तो किसी बच्चे ने आवाज दी- 'महात्माजी,
उधर से मत जाओ। बैल गुस्से में है और आपने लाल वस्त्र भी पहन रखा है।'
तुलसीदासजी ने विचार किया कि हूं, कल का बच्चा हमें
उपदेश दे रहा है। अभी तो लिखा था कि सब में राम हैं। मैं उस बैल को प्रणाम करूंगा और चला जाऊंगा।
पर जैसे ही वे आगे बढ़े, बैल ने उन्हें मारा और वे गिर पड़े। किसी तरह से वे वापस वहां जा पहुंचे, जहां श्रीरामचरित मानस लिख रहे थे। सीधे चौपाई पकड़ी और जैसे ही उसे फाड़ने जा रहे थे कि श्री हनुमानजी ने प्रकट होकर कहा- तुलसीदासजी, ये क्या कर रहे हो? तुलसीदासजी ने क्रोधपूर्वक कहा, यह चौपाई गलत है और उन्होंने सारा वृत्तांत कह सुनाया। हनुमानजी ने मुस्कराकर कहा- चौपाई तो एकदम सही है। आपने बैल में तो भगवान को देखा, पर बच्चे में क्यों नहीं? आखिर उसमें भी तो भगवान थे। वे तो आपको रोक रहे थे, पर आप ही नहीं माने। अब तुलसीदासजी पक्का आभास हो गया और अपनी बात पर दृढ़ हो गए
सिय राम मय सब जग जानी।
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी।।
तुलसीदास जी को एक बार और चित्रकूट पर श्रीराम के दर्शन कराने  के लिए तोता बन कर हनुमान जी ने दोहा पढ़ा था:
चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़।
तुलसी दास चंदन घीसे तिलक करें रघुबीर।
।।जय श्री राम जय हनुमान।।

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