धीर वीर बलजीत का ऊँचा सदा हो माथ।।
शेरगढ़ संस्कृत विद्यालय का एक वीर।
दे रहा है आज हर अपनों को हरा पीर।।
अवध वासी बलजीत जो हैं बहुत धीर।
आज पुण्य काल में किया हमें गम्भीर।।2
हो रहे निवृत्त सेवा से इस साल के साथ।
धीर-वीर बलजीत का ऊँचा सदा हो माथ।।
आन,बान व शान सदा सोहे इनके साथ।
इनकी हर कामना पूरे नित त्रिलोकी नाथ।।
1 टिप्पणियाँ:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (01-01-2017) को "नूतन वर्ष का अभिनन्दन" (चर्चा अंक-2574) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
नववर्ष 2017 की हार्दिक शुभकामनाओंं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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