सोमवार, 13 जनवरी 2014

भव भय त्राता

जानत तुम्ही मानत तुम्ही मनावत तुम्ही दिन राता !
सदा सन्दर्भ हो लायक जब जब हम तुम बनावे बाता !!
प्रेम कथा न बने व्यथा जब जहान जुड़ करे जग राता !
पद पद्मो में बन्दन दूर करो जग क्रंदन भव भय त्राता !!१!!  

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