बुधवार, 12 अगस्त 2020

|||| कान्हा अब तो आ ही जाओ |||| o God kanha come to me.hindi poem

कान्हा अब तो आ ही जाओ,            
किसलय-वदन दिखा ही जाओ।
जगत तनय को जता ही जाओ,
मन-पात प्रेम-बूँद बरसा ही जाओ।।1।।
आठवीं संतान का राज बता दो,
आठवां अवतार का काम बता दो।
सोलह कला कान्ति चमका दो,
श्रीकृष्ण हर मन कृष्णता मिटा दो।।2।।
जग व्याप्त हर आपदा मिटा दो,
विश्व रूप की झलक दिखा दो।
शान्ति स्वरूप शान्ति सिखा दो,
हृदय हार हार पहला दो।।3।।
अष्टमी भाद्र कृष्णा की कथा सुना दो,
मन-मोहन मोह मेरा मन से मिटा दो।
मदन मद मार मत्सर माया हटा दो,
देवकी सुत निज सा पुष्प खिला दो।।4।।
आ यहाँ धरा को सांत्वना दो,
कंस काल की कल्पना हटा दो।
नारी हृदय से भय भगा दो,
सुख शान्ति सहज सहजता दे दो।।5।।



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