मै ईष्ट देव के चरणों में हूं नत-मस्तक
मैं ईष्ट देव के चरणों हूं नत-मस्तक,
करु प्रार्थना हो हर पल सुखो का दस्तक!!
तू एकादश रुद्र पवनतनय बजरंगबली!
तेरी ही हुंकार से भक्तो की विपदा टली!
हे रामदूत तू ही हो हर राम-भक्त की जान!
हे केसरीसुत हनुमान रखो किंकरो का मान!
आस लिए जनहित की निहारे जुगल छबि एकटक!!१!!
महावीर से हारे सब चाहे हो अतिकाय अकंपन कुंभकरन!
सब ओर दिखती आपकी कीर्ति जब हुआ राम-रावन का रन!
ज्ञान मान जन धन हेतु जन जन करे तेरा चरण- वन्दन!
अंजन सा ज्ञान सिखाये नित अंजनिसुत मारुति नन्दन!
है लालसा मन में देखू मैं आपकी चमकती छबि लकलक!!२!!
मंगल का व्रत मंगल लावे व्रती बने आपके लायक!
बनूं मैं तव चरण पायक हे बल बुद्धि विद्या दायक!
अष्ट सिद्धि नव निधि पूरित हो हे कलयुग के नायक!
तव सुमिरत भागे भूत पिशाच हे रोग शोक के नाशक!
भूलू न किसी पल आपको करे न कभी दिल धकधक!!३!!
सुग्रीव विभीषण जाम्बवान यूथपति अंगद बलवान!
सबकी सुन सबकी माने सेवक सच हे हनुमान!
कल्याण कर भारत का करे इसे हसता चमन!
बने धरा ऐसी कि हो न किसी का चरित्र हनन!
जन जन रखे मान सम्मान हर नर-नारी का हर गली हर सङ्क!!४!!
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