✓मानस चर्चा ।।कर्म फल।।
करम प्रधान विश्व करि राखा।जो जस करइ सो तस फलु चाखा ॥ईश्वर कर्म का फल देता ही है ।
तज अकर्म मन मूढ़ तू, लाग पंथ सद्धर्म |
कर्म दण्ड कर्त्तार दे, मनवा कर सत्कर्म ॥
एक लड़का अपने बाप के यहाँ २००००) लेकर दिल्ली जाने के लियेअपने स्टेशन पर आया, वहाँ से रात में १२ बजे ट्रेन थी, उसने कुली को एक रुपया दिया और कहा कि मुझे एक विस्तार ला दो मै थोड़ा विश्राम कर लूँ, गाड़ी में अभी बहुत देर है ।कुली ने उसे बिछावन ला दिया लड़का चादर ओड़कर वहां ठाट से सो गया।और वह कुली स्टेशन मास्टर के पास पहुँचा और उसे बताया कि एक लड़का बहुत रकम लिये अकेला टिकट घर के बगल में सो रहा है
स्टेशन मास्टर ने कहा, चलो देखें, दोनों आ गये और उस
लड़के को सोये देखकर आपस में बातचीत करने लगे,स्टेशन मास्टर ने कहा - इसे किसी प्रकार मार डालो कुली, हाँ हजूर लड़का है, क्या करेगा और यहाँ पर कोई है भी नहीं रुपया सब ले लेंगे, और इसकी लाश को तालाब में गाड़ देंगे। स्टेशन मास्टर ने कहा ठीक है। आओ हम तुमको एक छूरा दें । कुली स्टेशन मास्टर के साथ-साथ
चला गया । लड़का सभी बातें सुन रहा था, इन लोगों के जाते ही वह उसी स्थान के बगल में जहाँ पर घंटा टंगा था,उस पर चढ़ गया। अन्धकार होने के कारण लोग उसे नहीं देख सकते थे । थोड़ी देर में स्टेशन मास्टर का लड़का, शराब के नशे में झूमता-झामता उसी ओर आ निकला, विछावन और चादर पड़ा देख उसने सोचा अब कौन क्वार्टर में जाय, पिताजी देखेंगे तो नाराज होंगे, आओ इसी बिस्तरे पर सो जायँ, वह तुरंत लेट गया, और चादर से मुँह ढाँक कर सो गया । इधर कुली भी स्टेशन मास्टर से एक तेज छूरा लेकर समय की प्रतीक्षा करने लगा कि कब सन्नाटा हो और इसे कब मारें, धीरे धीरे ग्यारह बज गये, दिल्ली जाने वाले गाड़ी का लाइनक्लीयर हो गया ।
कुली हाथ में छूरा लेकर लड़के की ओर निकला, यद्यपि उसका हृदय कठोर था परन्तु इस निर्दोष के हत्या में उसके हाथ कांप रहे थे, तथा उसका हृदय धड़क रहा था उसे साहस नहीं कि वह हत्या में सफलnहो । वीरे-धीरे ट्रेन और लाइन हो गया ।और कुली उस लड़के के चारो तरफ घूम रहा था, उसने धीरे-धीरे अपने हृदय को बलवान बना लिया, एकाएक गाड़ी की गड़गड़ाहट ने उसे उत्ते जित कर दिया और उसने झटपट उस सोते हुवे लड़के के छाती में छूरा घुसा दिया, ठीक उसी समय गाड़ी हड़हड़ाती हुई प्लेटफार्म पर आ गई, इसी बीच में वह बालक जो घंटे पर चढ़ा बैठा था जोर से चिल्लाया, खून,खून,खून उसका चिल्लाना सुनकर वहां पुलिस दौड़ कर आई, कुली प्राण लेकर भागा, परन्तु पकड़ लिया गया, उसके हाथ में स्टेशन मास्टर का नाम खुदा हुआ छूरा बरामद हुआ |
मामला चला, कुली ने सच २ सभी बातें सुना दी, उसे आजन्मकारागार का दण्ड मिला,और स्टेशन मास्टर भी अपना फल पा गया। लड़का सुखपूर्वक अपने पिता के यहाँ पहुँच गया । तो यहां यह सिद्ध हो गया कि
करम प्रधान विश्व करि राखा।जो जस करइ सो तस फलु चाखा ।।
।। जय श्री राम जय हनुमान ।।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ