सरस्वती के द्वादश नाम वंदना
पुष्पकारुणा कमलारुणा पद्मासिनी----
या सदा तुषार हार से भरा,
शुभ्रता की ज्योति तू मां हंसावाहिनी!!
मां सुनो मेरी आवाज ---------
मैं करु तेरी पुकार, मुझ पर करो तू हस्तवार,
कह सकूं जिससे मां तुझे वीणावादिनी!!
शारदा हो तू तू अरविन्दवासिनी हो --------
मां मेरे लिये तू बुद्धिदायिनी हो,
पुकारता हूं तुझे मां करो कृपा मतिदायिनी!!
वरदात्री हो तू वर दे भारत में अमृत नव भर दे-------
कर दो संसार में सुख्यात,
भारत को ये मां जगद्व्यापिनी!!
हम जङ है जङमूर्ख है, जङ्ता की प्रतिमूर्ति है ------
आये है तेरी शरण में मां ब्रह्मदायिनी,
तू तो सदा ही हो शशिवर्णिनी!!
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ