हनुमानजी की अद्भुत सेवा और उसका फल
।।#हनुमान कथा।।
--#वर्ण दोष का भयंकर परिणाम-
#हनुमानजी की अद्भुत सेवा और उसका फल
#जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि ।जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तुते।।
व्याकरण और उच्चारण के महत्त्व को बताने-समझाने के लिए यह श्लोक बहुत ही प्रसिध्द है।
#यद्यपि बहुनाधीषे तथापि पठ पुत्र व्याकरणम् ।
स्वजनः श्वजनः मा भूत् सकलः शकलः सकृत्छकृत् ।। अर्थात
बेटे, व्याकरण इसलिए भी पढ़ो कि उच्चारण में स और श का अंतर न जानने से ही अनर्थ हो सकता है। जैसे:स्वजन – सम्बन्धी
श्वजन – कुत्ता
सकल – सम्पूर्ण
शकल – खण्ड
सकृत् – एक बार
शकृत_- विष्टा
।। धन्यवाद।।
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