शनिवार, 30 मार्च 2019

।।परिधावी संवत्सर दो हजार छिहत्तर ।।

आयो आयो नव वर्ष  अब आयो।
नव संवत्सर नव प्रकाश फैलायो ।।
परिधावी नाम इसे है खूब भायो ।                         वसंत सा मानव जीवन लुभायो।।1।।
आप के घर परिवार में नव बहार दे।
उल्लास मान सम्मान नित नव भर दे।।
दो हजार छिहत्तर यह संवत्सर नाम दे।
शीघ्रता से नव नव अविराम काम दे ।।2।।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा छ:अप्रैल उन्नीस।
शनि राजा के राज में हो जावो बीस।।
सचिव सूर्य निज प्रकाश पुंज सींच।
भारत लाल को करें सतत ही रीच ।।3।।
सत्य सत काम नाम पूरे बुध सत्येश ।
हर रस मिलावें सब जीवन शुक्र रसेश।।
धन वर्षा हो धनिक बनाये मंगल धनेश।
विरोधाभास मिटाये पुत्र-पिता शनि-दिनेश।।4।।
सर्वमान्य है चैत्र का चंद चेटी चंड सिन्धु में ।
नौरोज नव यू रोज सु प्रभात हमारे कश्मीर में ।।
चंद्र मास धर्म कर्म तीज त्यौहार लोक व्यवहार में ।
नहा ले आज हर सुख साधन रेवती रानी राज में ।।5।।
नित नव दुर्गा का करें स्मरण।
राम नाम करे दु:ख दा हरण ।।
सत सतजन को सत सत नमन।
परिधावी देवें नित नव नव चरन ।।6।।

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