tag:blogger.com,1999:blog-1481164531021207994.post7240068153598197888..comments2023-04-13T02:05:13.888-07:00Comments on स्व रचना: सिय राम मय सब जग जानी !gstshandilyahttp://www.blogger.com/profile/09897113103635318064noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1481164531021207994.post-54371436664366777952013-12-19T16:05:35.855-08:002013-12-19T16:05:35.855-08:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (20-12-13) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/12/1467.html" rel="nofollow"> "पहाड़ों का मौसम" (चर्चा मंच:अंक-1467) </a> पर भी होगी!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com